Cricket
रियान पराग भारत के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें कई टीमों और कोचों ने उनकी क्षमता के लिए सराहा है.
2022 के ऑक्शन में गुजरात और राजस्थान रॉयल्स की फ्रेंचाइज़ी टीमों के बीच बिडिंग वॉर के बाद, रॉयल्स 3.8 करोड़ रुपये की बोली के साथ रियान को वापस जयपुर लाने में सफल रही.
यह रियान जैसे युवा खिलाड़ी पर विश्वास बनाए रखना भी दिखाता है, जिन्हें 2019 में अपने बेस प्राइस पर टीम में शामिल किया गया था और जिनका तीन वर्षों में उतार-चढ़ाव भरा प्रदर्शन रहा. लेकिन घरेलू क्रिकेट में रियान के प्रदर्शन में निरंतरता रही है जो कि उनके टैलेंट की और इशारा करती है.
उन्होंने हाल ही में ग्रेटनेस स्टार्ट्स हियर नामक एक पॉडकास्ट सीरीज़ में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने अपने परिवार के खेल के प्रति जुनून, अपने पिता से मिली सीख जो असम के रणजी क्रिकेटर थे, और एक पेशेवर क्रिकेटर के रूप में वह क्या हासिल करने का सपना देखते हैं, इस पर चर्चा करते हैं. पॉडकास्ट एपिसोड सुनें और नीचे सुहैल चंडोक के साथ उनकी बातचीत के अंश पढ़ें.
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उनका पसंदीदा बल्लेबाज़ी शॉट पुल शॉट है
रियान जब भी क्रीज पर होते हैं, वे गेंदबाजों से मुकाबला करते दिखते हैं. उनका कहना है की पुल शॉट उनका पसंदीदा है.
"पुल शॉट मारना आसान और कठिन दोनों ही है. मुझे लेंथ को सही तरीके से आंकना होता है और सही पोजीशन में आना होता है. अगर तेज गेंदबाज़ है तो मेरे पास बैकफुट पर जाने के लिए अधिक समय नहीं होता. इसलिए तब मैं हाफ एंड हाफ जाता हूं, और फिर अपने बल्ले के स्विंग से काम करता हूं. यह सिर्फ एक अलग तरह का अहसास है. बल्ले के बीच से पुल किए गए शॉट को 90, 95 मीटर तक जाते हुए देखना खुशी की बात है, ”रियान कहते हैं.
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उनके पिता और पूर्व क्रिकेटर पराग दास ने उन्हें डिफेंसिव शॉट खेलना सिखाया
रियान के पिता पराग दास ने असम के लिए 43 प्रथम श्रेणी मैच और 32 लिस्ट ए मैच खेले. वह असम के लिए एक सलामी बल्लेबाज़ थे, वे आक्रामक बल्लेबाज़ी में विश्वास करते थे, लेकिन उन्होंने यह महसूस किया कि रियान को डिफेंस के शॉट्स भी ठीक से खेलना महत्वपूर्ण है.
“मां कहती हैं कि पिताजी और मैं मैदान पर बल्लेबाज़ के रूप में समान दिखते हैं, लेकिन हमारी बल्लेबाज़ी पूरी तरह से अलग है. मेरे पिताजी पहली गेंद से हिट करना शुरू करते थे, इसलिए उन्होंने यह पहले ही तय कर लिया था की वे मुझे छक्के मारने नहीं सिखाएंगे. मुझे अब भी याद है कि मेरे अंडर-16 दिन खत्म हो रहे थे, और पिताजी ने अभी भी मुझे छक्का मारना नहीं सिखाया था. उन्होंने मुझे डिफेंस करना सिखाया. लेकिन आईपीएल में खेलने के बाद उन्होंने मुझे छक्के मारने के टिप्स देना शुरू किया, ”रियान कहते हैं.
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कूचबिहार ट्रॉफी में रियान का दोहरा शतक क्रिकेट के मैदान पर उनकी सबसे गौरवपूर्ण उपलब्धि है
रियान ने 2016-17 कूचबिहार ट्रॉफी में 14 पारियों में 642 रन बनाए थे. इसमें नाबाद 202 रन का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी शामिल है.
“मुझे लगता है कि यह कूच बिहार ट्रॉफी का 2017 सीज़न था और हम सवाई मानसिंह स्टेडियम में जयपुर में राजस्थान से खेल रहे थे, और मैंने दोहरा शतक जड़ा था. उस पारी से मुझमें विश्वास जगा की मैं यहां खेलने लायक हूं. उस पारी ने मुझे आत्मविश्वास से लबरेज कर दिया."
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2019 के आईपीएल ऑक्शन के पहले दो राउंड में अनसोल्ड रहने के बाद रियान ने टीवी बंद कर दिया था
रियान को हमेशा अपनी क्षमता पर भरोसा रहा है, लेकिन वह केवल 17 साल के थे जब 2019 के आईपीएल ऑक्शन में हिस्सा ले रहे थे. शुरू में दो राउंड में अनसोल्ड रहने के बाद राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें उनके बेस प्राइस पर साइन किया.
“ऑक्शन से पहले, मैंने राजस्थान रॉयल्स के लिए ट्रायल दिया और अच्छा प्रदर्शन किया था. मुझे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. कोचों ने मुझसे कहा था कि राजस्थान मुझे ऑक्शन में चुनेगा. इसलिए मैं बहुत आश्वस्त था. लेकिन ऑक्शन के दौरान मेरा नाम दो बार आया और दोनों बार मेरा चयन नहीं हुआ. मैंने सारी उम्मीद खो दी, टीवी बंद कर दिया और अपने कमरे में चला गया. लेकिन तब मैं उस ऑक्शन में चुने जाने वाले अंतिम लोगों में से था. मां दौड़ते हुए और खुशी के आंसुओं के साथ मेरे कमरे में आई थी."
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रियान को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के लिए अपना आईपीएल डेब्यू हमेशा याद रहेगा
रियान के पिता रणजी ट्रॉफी में एमएस धोनी के खिलाफ खेले थे और उन्हें विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के बारे में बहुत कुछ बताया था. इसलिए जब रियान ने कैप्टन कूल के खिलाफ आईपीएल में डेब्यू किया, तो जाहिर तौर पर वह नर्वस थे.
“मैच से पहले, मैं वहां जाने और एमएस धोनी के साथ खेलने या यहां तक कि उन्हें देखकर बहुत डरा हुआ था. मुझे लगता है कि जब एमएस बल्लेबाजी करने आए तो मैं गेंदबाज़ी कर रहा था. हमारे घरेलू मैदान जयपुर में मैच होने के बावजूद सभी फैंस उनके लिए चीयर करने लगे. फिर जब मैं बल्लेबाज़ी कर रहा था, तो मैंने पहली गेंद का सामना इमरान ताहिर का किया. जैसे ही मैं अपना गार्ड ले रहा था, मेरी आंख के कोने से मैं देख सकता था कि एमएस धोनी विकेट कीपिंग कर रहे थे. यह मेरे लिए एक अद्भुत पल था. ”
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रियान के लिए परिवार की तरह है राजस्थान रॉयल्स
टीम के साथ तीन साल बिताने के बाद, रियान राजस्थान रॉयल्स के साथ उतना ही सहज महसूस करते हैं जितना कि अपने घर में.
“राजस्थान रॉयल्स मेरे लिए एक परिवार की तरह है. यह अब मेरे लिए सिर्फ एक टीम नहीं है. उन्होंने मुझे मेरा पहला ब्रेक दिया और जब मैंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो मेरा साथ दिया. 2021 में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद उन्होंने मुझे इस साल फिर से चुना है. इसलिए यह मेरे लिए परिवार जैसा है. मैं रॉयल्स के साथ रहने के लिए हर साल इन दो-तीन महीनों का इंतजार करता हूं. वातावरण अद्भुत है.”
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उन्होंने राजस्थान रॉयल्स में अपने अंग्रेजी साथियों से बहुत कुछ सीखा है
रियान को राजस्थान रॉयल्स ड्रेसिंग रूम में खेल के कई महान खिलाड़ियों के साथ समय बिताने का मौका मिला, और उन्होंने उनसे काफी कुछ सीखा. खासकर इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर असफलता से निपटना सिखाया है.
“युजी चहल के खिलाफ बल्लेबाज़ी करना मजेदार रहा है. रवि अश्विन मुझे नेट सेशन में गेंदबाज़ी के टिप्स देते रहे हैं. यह सब सपना सच होने जैसा है. हम टीम रूम में हैंग आउट करते हैं और एक साथ मस्ती करते हैं. यह पूरी तरह से एक अलग एहसास है. लेकिन (बेन) स्टोक्स और (जोफ्रा) आर्चर जैसे खिलाड़ियों से मैंने सीखा, कि क्रिकेट आपके जीवन का एक हिस्सा है और यह आपकी पूरी जिंदगी नहीं है.
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वह एक कप्तान के रूप में एमएस धोनी के नक्शेकदम पर चलने की उम्मीद करते हैं
सिर्फ 20 साल की उम्र में, रियान 2021 और 2022 सीज़न में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में असम की कप्तानी कर चुके हैं.
"मुझे लगता है कि मैं बहुत ही शांत किस्म का कप्तान हूं. मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं एमएस धोनी की तरह हूं, लेकिन मैं उन्हें थोड़ा कॉपी करने की कोशिश करता हूं. मैं मैदान पर ज्यादा आक्रामक नहीं हूं. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राज्य टीम का कप्तान होना मेरे लिए बहुत ही सुखद और बड़ा पल था. मैं हमेशा खुद को एक कप्तान के रूप में सोचता हूं, भले ही मैं टीम की कप्तानी नहीं कर रहा हूं.”
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वह विराट कोहली जैसा खिलाड़ी और ब्रांड बनना चाहते हैं
रियान का कहना है कि विराट कोहली उनके पसंदीदा क्रिकेटर हैं. लेकिन वह उनके ऑन-फील्ड प्रदर्शन के कारण ही उनके कायल नहीं हैं.
“मैं विराट कोहली के बारे में हर चीज को पसंद करता हूं. अब खिलाड़ी उन्हें स्लेज करने से भी डरते हैं क्योंकि वह उन्हें वापस देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उनके पास जोश और जज्बे की कमी नहीं है. लेकिन मैदान के बाहर क्या करते हैं इसका मैं ज्यादा बड़ा प्रशंसक हूं- शूटिंग, ब्रांड बिल्डिंग. मैं इसकी बहुत प्रशंसा करता हूं, लेकिन हां, ज्यादातर क्रिकेट, लेकिन फिर सब कुछ.
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रियान आईने के सामने मीडिया से बातचीत की तैयारी करते हैं
रियान अच्छी तरह से बात करने वाला और आत्मविश्वासी है, लेकिन मीडिया से बातचीत के दौरान यह युवा खिलाड़ी झिझक महसूस करता है. रियान किसी भी घबराहट से छुटकारा पाने के लिए अभ्यास करते हैं.
“मैंने खुद को आईने के सामने प्रशिक्षित किया है. अब भी मैं बाथरूम के आईने के सामने कोई भी स्पीच देता हूं. मैं उठता हूं और भाषण देता हूं और सोचता हूं कि मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहने जा रहा हूं. इसलिए मैं बस यही करता रहता हूं और यह अब स्वाभाविक रूप से मेरे पास आता है."
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टेस्ट क्रिकेट में नियमित रूप से भारत का प्रतिनिधित्व करना रियान का अंतिम लक्ष्य है
हर क्रिकेटर की तरह, रियान रेड-बॉल क्रिकेट में भारत की टीम का लगातार हिस्सा बनना चाहते हैं.
“टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा अंतिम लक्ष्य है. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए टी20 (राष्ट्रीय टीम) के सपने की संभावना ज्यादा नजर आ रही है. इसलिए मैं उस पर ध्यान देना चाहता हूं. एक बार जब मैं टी20ई में अपने लक्ष्य हासिल कर लूंगा, तो मैं अपना ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर केंद्रित करूंगा.”
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भारतीय क्रिकेट टीम के बैटिंग फिनिशर बनना चाहते हैं रियान
मध्यक्रम के बल्लेबाज़ के रूप में अपने टैलेंट को जानने के बाद, रियान कुछ वर्षों में भारतीय टीम में जगह बनाने और फिर एक भरोसेमंद क्रिकेटर बनने की उम्मीद करते हैं.
"मैं पांचवें या छठे नंबर पर निरंतर खेलना चाहता हूं – और वह फिनिशर बनना चाहता हूं जिसकी भारत को जरूरत है. मैं टीम में जल्दी नहीं आना चाहता और टीम में अपनी जगह नहीं खोना चाहता. मैं टीम में शामिल होने में कुछ साल लेना चाहता हूं, लेकिन जब मैं अंदर आऊं, तो टीम से बाहर नहीं होना चाहता. मैं लगातार भारतीय टीम के साथ खेलते हुए अपना करियर खत्म करना चाहता हूं."
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रियान खाने के शौकीन हैं जिसे मोमोज बहुत पसंद हैं और वह उसे खाकर जश्न मनाने का इंतजार कर रहा है
जहां वह सीज़न के दौरान अपनी डाइट का खास-तौर से ख्याल रखते हैं, वहीं रियान को उम्मीद है कि वह सीज़न का अंत अच्छे नतीजों से करेंगे और गुवाहाटी में मोमोज खाकर जश्न मना सकेंगे.
“मुझे मोमोज बहुत पसंद हैं. असम में एक पारंपरिक स्टॉल है जहां हम जाते हैं और ढेर सारे मोमोज खाते हैं. अभी मेरे न्यूट्रिशनिस्ट मुझ पर नजर रख रहे हैं, लेकिन आईपीएल के बाद मैं घर पर ढेर सारे मोमोज खाऊंगा.”
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रियान खुद को सेमी-प्रोफेशनल गेमर कहते हैं
क्रिकेट के बाद गेमिंग हमेशा से रियान का दूसरा प्यार रहा है.
"मैं लगभग एक सेमी-प्रोफेशनल गेमर हूं. मैं वेलोरेंट में पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में टॉप 5,000 में हूं. अब रैंकिंग गिर गई है क्योंकि मैंने दो महीने से नहीं खेला है (क्रिकेट पर फोकस के कारण). मैं थोड़ा-बहुत काउंटर-स्ट्राइक भी खेलता हूं लेकिन वेलोरेंट मैं आमतौर पर सबसे ज्यादा खेलता हूं.”